ये मेरा जवाब,समाज के उन ठेकेदारों के लिए जिन्हे खुद से ज्यादा हमारी फिकर होती है ।
मेरी कविता की अन्तिम पंक्तियाँ ही इस कविता का सार है ।
शीर्षक-तू मेरी चिंता ना कर.....
मैं गिरुंगी,उठूँगी, और एक दिन चलना भी सीख जाऊंगी ।
और तेरी बुरी नजर मुझ तक पहुच ना सके ,
मैं इतनी दूर निकल जाऊंगी ।
कि मेरे अन्दर मेरी खुद्दारी अभी बकी हैं
तू मेरी चिंता ना कर
सही सुना तुने,
तू मेरी चिंता बिल्कुल ना कर....
उसके लिए मेरे माँ बाप ही काफी हैं।
मानती हूँ आज रोटियाँ जली हैं मेरी ...
पर एक दिन छप्पन भोग बनाना सिख जाऊँगी ।
ये तानों की बौछार अपने पास रख ...
मेरी माँ की सारी रसोई मैं बनाना सीख जाऊँगी ।
मैं मानती हूं उसके लिय बहुत कुछसीखना अभी बाकी है ...
तू मेरी चिंता ना कर ...
उसके लिये मेरे माँ बाप ही काफी हैं ।
मेरी पढ़ाई पे रोक टोक करने वाले ..
क्या तुने कभी खुद कलम उठाया है ।
विद्या क्या होती है?
लगता है तुने अभी नही पहचाना है ।
तू जो कभी सोच ना सके वो कर दिखाना अभी बकी है।
तू मेरी चिंता ना कर,
उसके लिये मेरे माँ बाप ही काफी हैं ।
जब होनी होगी तब हो जायगी मेरी शादी...
तू मेरी शादी की ठेकेदार ना बन ।
और सास कैसी होगी ससुराल कैसा मिलेगा ...
इसकी चिंता करने वली तू मेरा परिवार ना बन ।
कि ससुराल को सम्हालने के लीये,
मेरी माँ की ट्रेनिंग अभी बाकी है।
तू मेरी चिंता ना कर...
उसके लिये मेरे माँ बाप ही काफी हैं ।
मेरी कविता की अन्तिम पंक्तियाँ ही इस कविता का सार है ।
शीर्षक-तू मेरी चिंता ना कर.....
मैं गिरुंगी,उठूँगी, और एक दिन चलना भी सीख जाऊंगी ।
और तेरी बुरी नजर मुझ तक पहुच ना सके ,
मैं इतनी दूर निकल जाऊंगी ।
कि मेरे अन्दर मेरी खुद्दारी अभी बकी हैं
तू मेरी चिंता ना कर
सही सुना तुने,
तू मेरी चिंता बिल्कुल ना कर....
उसके लिए मेरे माँ बाप ही काफी हैं।
मानती हूँ आज रोटियाँ जली हैं मेरी ...
पर एक दिन छप्पन भोग बनाना सिख जाऊँगी ।
ये तानों की बौछार अपने पास रख ...
मेरी माँ की सारी रसोई मैं बनाना सीख जाऊँगी ।
मैं मानती हूं उसके लिय बहुत कुछसीखना अभी बाकी है ...
तू मेरी चिंता ना कर ...
उसके लिये मेरे माँ बाप ही काफी हैं ।
मेरी पढ़ाई पे रोक टोक करने वाले ..
क्या तुने कभी खुद कलम उठाया है ।
विद्या क्या होती है?
लगता है तुने अभी नही पहचाना है ।
तू जो कभी सोच ना सके वो कर दिखाना अभी बकी है।
तू मेरी चिंता ना कर,
उसके लिये मेरे माँ बाप ही काफी हैं ।
जब होनी होगी तब हो जायगी मेरी शादी...
तू मेरी शादी की ठेकेदार ना बन ।
और सास कैसी होगी ससुराल कैसा मिलेगा ...
इसकी चिंता करने वली तू मेरा परिवार ना बन ।
कि ससुराल को सम्हालने के लीये,
मेरी माँ की ट्रेनिंग अभी बाकी है।
तू मेरी चिंता ना कर...
उसके लिये मेरे माँ बाप ही काफी हैं ।